नवजात शिशु में संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण जो माता-पिता को पता होने चाहिए। पहला लक्षण है बुखार या शरीर का तापमान कम होना। दूसरा लक्षण है दूध न पीना या कम पीना। तीसरा लक्षण है सुस्त रहना या चिड़चिड़ापन। इन लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है क्योंकि नवजात शिशु में संक्रमण जल्दी से गंभीर हो सकता है।
नवजात शिशु में संक्रमण के अन्य महत्वपूर्ण लक्षणों में शामिल हैं: सांस लेने में कठिनाई या तेज़ सांस लेना, जिसे तकलीफ़ की निशानी माना जाता है। त्वचा के रंग में बदलाव, जैसे पीलापन या नीलापन, जो ऑक्सीजन की कमी या अन्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। त्वचा पर दाने भी कुछ प्रकार के संक्रमणों में दिखाई दे सकते हैं। इन लक्षणों को देखते ही चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।
नवजात शिशु में पाचन संबंधी समस्याएं भी संक्रमण का संकेत हो सकती हैं। इनमें शामिल हैं: उल्टी, जो दूध पीने के बाद थोड़ी सी रिगने से अलग होती है। दस्त, जिसमें पतले या हरे-पीले मल का होना शामिल है। पेट फूलना या कड़ा होना, जो पेट में संक्रमण या सूजन का संकेत हो सकता है। ये लक्षण विशेष रूप से चिंताजनक हैं यदि वे एक साथ दिखाई देते हैं।
नवजात शिशु में कुछ अन्य गंभीर लक्षण हैं: दौरे पड़ना, जो मस्तिष्क संक्रमण का संकेत हो सकता है। पीलिया जो जन्म के कुछ दिन बाद शुरू होता है या पहले से मौजूद पीलिया जो बढ़ता जाता है, यह रक्त संक्रमण का संकेत हो सकता है। शरीर का ढीला पड़ना या मांसपेशियों का कमजोर होना, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के संक्रमण का संकेत हो सकता है। इन लक्षणों को देखते ही तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए।
नवजात शिशु में संक्रमण के लक्षणों का सारांश और महत्वपूर्ण सावधानियां: याद रखें, नवजात शिशु में संक्रमण बहुत जल्दी गंभीर रूप ले सकता है। एक से अधिक लक्षण होना अधिक चिंता का विषय है। शुरुआती लक्षण हल्के हो सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें। अस्पताल से छुट्टी के बाद भी लक्षणों पर नज़र रखें। और सबसे महत्वपूर्ण, यदि आपको कोई भी संदेह हो, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें। नवजात शिशु के स्वास्थ्य के मामले में देरी न करें।